Sunday 27 May 2012

दीदी

 रोहित ने आते ही अपने स्कूल के कपडे इधर उधर फेंके,खाना खाया और आराम करने को लेटा तो उसे बस खेल का मैदान याद आ रहा था और कैसे एक घंटा बीते सोचते सोचते एक घंटा बीत गया और वो खलेने चल पड़ा वहां बारिश में फूटबाल खेलने का उसने विशेष आनंद लिया और अँधेरा हो जाने पर भी उसका आने का मन नहीं था

घर आया तो उसे अपनी थकान की याद आई

शाम को पड़ने बैठा तो उसे समझ में आया की आज क्यूँ कुछ ज्यादा ही खेलने में मन लग रहा था

उसने हिंदी व्याकरण का काम नहीं किया था और इस तरह से पूरे तीन अध्याय हो चुके थे और कल मैम ने कॉपी चेक करने को कहा है

उसे ये सोचते ही की हिंदी वाली मैम तो बहुत कठोर सजा देती हैं सभी के सामने अपमानित करती है और कई बार तो मुर्गा भी बना देती हैं उसे  हिंदी और कठिन लगने लगी

अचानक उसका मन झूम उठा अरे दीदी  तो है लेकिन फिर वो उदास हो गया की कल झगडे में उसने दीदी को मारा था और झगडा भी उसने ही शुरू किया था दीदी ने उसे हल्का धक्का क्या दे दिया उसने उसकी पीठ पर ३-४ घूंसे बरसा दिए और मम्मी न आकर उसे रोका था अब वो गणित लगाने लगा की दीदी तो आंठवी में है मैं छठी में,मैं छोटा हूँ और मैंने इतना कसके तो नहीं मारा था दीदी मुझे माफ़ कर सकती है 

लेकिन उसकी गणित ने उसका साथ नहीं दिया

फिर भी वो दीदी के कमरे में गया साथ में सोच रहा था एक हफ्ते से लड़ाई नहीं हुई थी उसी समय याद रहता तो दीदी से होमवर्क करवा लेता

दीदी के कमरे में जाते ही उसने देखा की वो बड़ा मन लगा के पढ़ रही है

लेकिन अपनी आदत से लाचार उसे जाते ही खिलंदडपन दिखाना शुरू किया और मन में सोच रहा था मम्मी तो मेरी तरफ हैं ही दीदी से ज़बरदस्ती अपना काम करवा लुंगा और उसने उसकी कापी छीन ली और धीरे से बोला आईस-पाईस(छुपा-छुपैया) खेलोगी

रोहित जानता था की ये दीदी का पसंदीदा गेम है और इस तरह से वो उसकी नाराज़गी भी दूर कर देगा और उस पर एहसान जता के फिर अपना काम करने को भी मन लेगा

लेकिन दीदी ने मम्मी कहके जोर की आवाज़ लगाई

मम्मी तुरंत आ गयी और रोहित का कान पकड़ कर उसके रूम में ले जाने लगी की दीदी को पढने दो उसका कल यूनिट टेस्ट है

मम्मी को पकड़कर रोहित सब भूल गया तुरंत ही चिल्ला कर रोने लगा की कल पनिशमेंट मिलेगी मेरा हिंदी का काम कैसे पूरा होगा मैं कल स्कूल नहीं जाऊँगा

तभी पापा की आवाज़ सुनाई पड़ी की स्कूल तो तुम्हे जाना ही है

रोहित ने अपने आपको आनन् फानन में तैयार किया और अपना काम खुद करने का फैसला किया

वो मन ही मन दीदी पर खूब गुस्सा हो रहा था की उसने मेरी बात भी नहीं सुनी और मम्मी को बुला लिया

किताब खोल के बैठा तो उसे लगा की याद करने को होता तो वो कर भी लेता लेकिन व्याकरण उसने शुरू से नहीं पड़ी उसने कसम खायी की अब वो कभी भी अपना कोई भी पाठ कल पर नहीं छोड़ेगा कुछ पन्ने खोलते हुए उसे नींद आ गयी और कुछ थका होने के कारण भी वो सो गया

सुबह मम्मी के जगाने पर भी उसका उठने का मन नहीं हुआ

तभी मम्मी बोली -बेटा बस आने वाली है जल्दी से तैयार हो जा

रोहित बोला- नहीं मेरा आज जाने का मन नहीं है

माँ बोली - जो तेरा हिंदी का काम हो गया हो तो

ये सुनते ही रोहित उठ गया और जोर से चिल्लाया - दीदी

माँ बोली - हाँ बेटा उसने रात में तेरा होम वर्क  कर दिया है,सुबह मुझे ये बता के ही स्कूल गयी है